जनेवि परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के गुंडों द्वारा कल देर तक चलने वाले हिंसक हमले के ख़िलाफ़ जनवादी लेखक संघ, दलित लेखक संघ, जन संस्कृति मंच और न्यू सोशलिस्ट इनिशिएटिव का साझा बयान:
नयी दिल्ली 6 जन : कल 5 जनवरी 2020 की शाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली के परिसर में जिस तरह की खुलेआम हिंसा हुई, हम उसकी बेहद कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
भारी संख्या में सुरक्षा गार्डो की मौजूदगी वाले जेएनयू कैम्पस में करीब पचास नकाबपोश गुंडे बेरोकटोक अंदर घुसे और उन्होंने शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं को बुरी तरह पीटा व कइयों के सिर फोड़ दिये।
इस हमले में फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को निशाना बनाया गया है। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत चालीस से अधिक छात्र शिक्षक बुरी तरह घायल हैं। उनका कहना है कि इस हमले को आरएसएस और एबीवीपी के लोगों ने सरकार और पुलिस के संरक्षण में अंजाम दिया है।
गौरतलब है कि कैम्पस के पास ही बसंत विहार थाने की पुलिस जेएनयू गेट पर खड़ी कार्रवाई करने का इंतज़ार करती रही।
दिल्ली पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन की सुनियोजित निष्क्रियता की वजह से हमलावरों ने पूरी निश्चिंतता से अपना काम किया और वहां से चले गये।
हम लेखक संगठन मांग करते हैं कि इस हिंसा की तत्काल निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को दण्डित किया जाये।
इसके साथ हमारी यह भी मांग है कि जेएनयू वी सी को तुरंत बर्खास्त किया जाये और अपनी जिम्मेदारी स्वीकारते हुए भारत के गृह मंत्री इस्तीफा दें।
शिक्षा संस्थानों को हिंसा और आतंक से बचाये रखना लोकतंत्र व संविधान की रक्षा की पूर्वशर्त है।
जन संस्कृति मंच | दलित लेखक संघ | जनवादी लेखक संघ | न्यू सोशलिस्ट इनिशिएटिव