अलविदा, प्रो. चौथीराम यादव

नयी दिली : 12 मई 2024 : प्रगतिशील विचार एवं आंदोलन के प्रतिबद्ध हस्ताक्षर प्रो. चौथीराम यादव का कल रविवार 12 मई 2024 को सायंकाल हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया। ऊर्जा से भरे तिरासी वर्षीय प्रो. चौथीराम यादव का जन्म 29 जनवरी 1941 को जौनपुर ज़िले के अंतर्गत क़ायमगंज में हुआ था। उनकी उच्च शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हुई थी। इसी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग से वे सेवानिवृत्त हुए थे।

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की चिंतन परंपरा से संबद्ध चौथीराम जी ने कई पुस्तकें लिखीं। उनके प्रमुख ग्रंथों में हैं- ‘हजारीप्रसाद द्विवेदी : समग्र पुनरावलोकन’, ‘लोकधर्मी साहित्य की दूसरी धारा’, ‘लोक और वेद : आमने सामने’। सिद्ध-नाथ परंपरा के अद्भुत विश्लेषक चौथीराम जी ने कुछ समय तक दिल्ली से प्रकाशित  ‘दलित अस्मिता’ पत्रिका में स्तंभ लेखन भी किया था। आप प्रगतिशील लेखक संघ से जुड़े थे। दलित, आदिवासी और हाशिये की अन्य अस्मिताओं से उनका बराबर जुड़ाव रहा। उन्हें विभिन्न धरना-प्रदर्शनों में शिरकत करते देखा जा सकता था। सोशल मीडिया मंच फ़ेसबुक पर उनकी पोस्ट निरंतर आती रहती थी।

साहित्य साधना सम्मान, राष्ट्रीय कबीर सम्मान, सत्राची सम्मान, आंबेडकर प्रियदर्शी सम्मान, लोहिया सम्मान प्राप्त करने वाले चौथीराम जी समविचारी संगठनों को एकजुट रहने की सलाह देते रहते थे। उन्होंने सांप्रदायिक राजनीति का हमेशा खुलकर विरोध किया था।

जनवादी लेखक संघ ऐसे जनबुद्धिजीवी के निधन पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता है।


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