नयी दिल्ली : 23 फ़रवरी 023 : लोक गायिका नेहा सिंह राठौर द्वारा ‘यूपी में का बा–सीजन 2’ में गाये गये गीत को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत जो नोटिस जारी की है, जनवादी लेखक संघ उसका पुरज़ोर विरोध करता है। नेहा सिंह राठौर द्वारा गाया हुआ गीत यूट्यूब पर मौजूद है। उसे तमाम लोगों ने देखा है। उस गीत से कोई भी वैमनस्य और तनाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है। कानपुर की घटना का ज़िक्र गीत में आने से उत्तर प्रदेश सरकार की बुलडोज़र नीति सवालों के घेरे में है। इसीलिए वह इस गीत को अपना विरोध मान रही है।
लोकतंत्र में विरोध का सम्मान किये जाने की परंपरा है, किंतु ऐसा प्रतीत होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने विरोध में कोई भी स्वर नहीं सुनना चाहती और ऐसी हर आवाज़ को दमन के रास्ते से दबा देना चाहती है। नेहा सिंह राठौर को दी गयी नोटिस भी इसी बात को प्रमाणित कर रही है।
जनवादी लेखक संघ मांग करता है कि नेहा सिंह राठौर को दी गयी नोटिस तत्काल वापस ली जाये। जनवादी लेखक संघ सभी लेखकों और संस्कृतिकर्मियों से अपील करता है कि वे नेहा सिंह राठौर के साथ खड़े हों और अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्षधर बनकर नेहा सिंह राठौर को दी गसी नोटिस का विरोध करें।