इलाहाबाद में रवीन्द्र कालिया को श्रद्धांजलि

इलाहाबाद : 10 जनवरी : हिन्दी कथा और संपादन के नामी उस्ताद रवीन्द्र कालिया को श्रद्धांजलि देने के लिए इलाहाबाद का साहित्यिक  समुदाय 10 जनवरी को इलाहाबाद वि वि के हॉलैंड हॉल में उमड़ पड़ा। इसका आयोजन जनवादी लेखक संघ, प्रगतिशील लेखक संघ और जन संस्कृति मंच  ने संयुक्त रूप से किया था।

9 जनवरी को दोपहर में दिल्ली में रवीन्द्र कालिया के निधन से सर्वाधिक अवसाद में इलाहाबाद की साहित्यिक बिरादरी ही है। यही वजह रही कि कुछ घंटों की नोटिस पर कालिया जी के यार दूधनाथ सिंह से लेकर वि वि के स्नातक के विद्यार्थियों तक की उपस्थिति से हॉलैंड हॉल का कामन हाल छोटा पड़ गया।

रवीन्द्र कालिया के यार और जलेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष दूधनाथ सिंह ने  श्रद्धांजलि के चालू अर्थ के उलट बोलते हुए अपने लगभग आधी सदी की यारबाशी का सुमिरन करते हुए उन यादों को ताजा किया और बताया कि जीवन की जटिलता को हास्य से हल्का-फुल्का करके जीवन को सिद्ध करने वाले व्यक्ति का नाम रवीन्द्र कालिया था। जसम के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने कहा कि वो किसी फ्रेम में बंधना स्वीकार नहीं करते थे।रामजी राय ने द्विजिह्वापन की बात उठाई।अजामिल ने कहा की कालिया जी मेरे सरपरस्त थे।वरिष्ठ वकील उमेश नारायण शर्मा ने कहा कि इलाहाबाद का एक मित्र-नागरिक चला गया।
प्रलेस इलाहाबाद के अध्यक्ष प्रो संतोष भदौरिया ने उन्हें पिछले कई आयोजनों में उनकी जरुरी उपस्थितियों से याद किया।
कवि हरीश चन्द्र पांडे ने कहा की कालिया जी पुराने लेखकों को नया करने और लेखकों को महत्व दिलाने वाले संपादक थे।
> धनञ्जय चोपड़ा ने पत्रकारिता में प्रवेश के शुरवाती दिनों में उनके प्रोत्साहन और सहयोग को बताया।
जन संस्कृति मंच के महासचिव प्रो प्रणय कृष्ण ने कहा कि रवीन्द्र जी साहित्यिक संस्कृति के प्रणेता थे। और साहित्य को जीने का एक श्रेष्ठ ढंग था उनमे।प्रो अली अहमद फातमी ने उन्हें उर्दू की नजाकत से रिश्ता रखने वाला बड़ा लेखक कहा।
इस सभा में उर्मिला जैन, रमेश ग्रोवर, सुधांशु मालवीय, महेन्द्र राजा जैन, हरिश्चन्द्र द्विवेदी,असरार गाँधी, राम प्यारे राय, अनिल रंजन भौमिक,हिमांशु रंजन, संध्या नवोदिता, नीलम शंकर, वसुंधरा पाण्डेय, गायत्री सिंह, नंदल हितैषी, सूर्यनारायण, विवेक निराला,रंजीत सिंह, अशोक सिद्धार्थ,अविनाश मिश्रा, हितेश सिंह, अरिंदम घोष, के के पाण्डेय, सुरेश कुमार शेष, रतिनाथ योगेश्वर, श्री रंग, श्रीनिवास द्विवेदी, रमाशंकर सिंह, विकास स्वरुप, अजय कुमार सिंह, डॉ संतोष सिंह, ध्रुव हर्ष, प्रदीप परसौनी, अनुपम परिहार, आनंद मालवीय सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। जलेस इलाहाबाद के सचिव संतोष चतुर्वेदी ने संचालन किया।
अंत में सुधीर सिंह ने शोक प्रस्ताव रखा और कुछ देर चुप खड़े होकर सभी ने रवीन्द्र कालिया को घनीभूत रूप से याद किया।

(प्रस्तुति : सुधीर सिंह)


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