प्रेस-विज्ञप्ति :दिनांक 23.10.2015 : लेखकों, पाठकों, संस्कृतिकर्मियों का एक मौन जुलूस

आज दिनांक 23.10.2015 को पांच लेखक संगठनों – जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, प्रगतिशील लेखक संघ, दलित लेखक संघ और साहित्य-संवाद – के आह्वान पर लेखकों, पाठकों, संस्कृतिकर्मियों का एक मौन जुलूस श्री राम सेंटर, सफ़दर हाशमी मार्ग से साहित्य अकादमी, रवीन्द्र भवन तक गया और इन्होंने साहित्य अकादमी के कार्यकारी मंडल के नाम अपना ज्ञापन अकादमी के अध्यक्ष श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को सौंपा. आज अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक 10:30 बजे के लिए बुलाई गयी थी. लगभग 250 लेखकों और संस्कृतिकर्मियों ने 10 बजे जुलूस निकाल कर देश में लगातार बढ़ती हुई हिंसक असहिष्णुता और फ़ासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शित किया और अपने ज्ञापन के माध्यम से चार मांगें अकादमी के कार्यकारी मंडल के सामने रखीं (ज्ञापन की सॉफ्ट कॉपी, हिन्दी और अंग्रेज़ी में, संलग्न है). जुलूस में आगे-आगे प्रो. एम. एम. कलबुर्गी की तस्वीर वाला बड़ा सा बैनर था और उनकी तस्वीर के पोस्टर्स भी लोगों के हाथों में थे. क्रांतिकारी कविताओं के दो बड़े बैनर भी थे जिनमें से के पर ये प्रसिद्ध पंक्तियाँ लिखी हुई थीं: “क्या ज़ुल्मतों के दौर में भी गीत गाये जायेंगे?/हाँ, ज़ुल्मतों के दौर के ही गीत गाये जायेंगे.”

Sahitya Akademi Rally

जुलूस में शामिल सभी लोगों ने विरोध-स्वरुप मुंह पर या बांह पर काली पट्टी बाँध रखी थी. साहित्य अकादमी परिसर में प्रवेश करने के बाद कुछ महत्वपूर्ण लेखकों और कलाकारों ने लोगों को संबोधित किया. इनमें गीता हरिहरन, केकी दारूवाला, शेखर जोशी, संजीव आदि अंग्रेज़ी-हिंदी के बड़े रचनाकार शामिल थे. अली जावेद ने हबीब जालिब की नज़्म का पाठ किया. 11 बजे श्री विश्वनाथ प्रसाद तिवारी नीचे आये और अकादमी भवन का ताला खोल कर जुलूस का प्रतिनिधित्व करनेवाले शिष्ट-मंडल से उन्होंने ज्ञापन लिया. इस शिष्ट मंडल में केकी दारूवाला, शेखर जोशी, गीता हरिहरन, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, अशोक भौमिक और अली जावेद शामिल थे. इन लेखकों-कलाकारों के अलावा कई चर्चित नाम जुलूस के साथ रवीन्द्र भवन पहुंचे थे. कुछ नाम है: अनामिका, मैत्रेयी पुष्पा, पंकज बिष्ट, सुहैल हाशमी, पंकज सिंह, नीलाभ, मलय श्री हाशमी, अनुराधा कपूर, विद्या राव, रेखा अवस्थी, शुभा, एन. के. शर्मा, वीरेन्द्र यादव, शशिभूषण द्विवेदी, मनमोहन, हरियश राय, चंचल चौहान, मदन कश्यप, केवल धीर, बजरंग बिहारी तिवारी, सुरेश सलिल, हेमलता माहीश्वर, हीरालाल राजस्थानी, आशुतोष कुमार, रहमान मुसव्विर, राकेश बिहारी, द्वारिका प्रसाद चारुमित्र, अशोक कुमार पाण्डेय, संजय जोशी, नदीम इत्यादि. अकादमी अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपने के बाद प्रदर्शन के समापन की घोषणा की गयी, यद्यपि कई लोग देर तक अकादमी भवन के परिसर में मौजूद रहे.


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