‘देश प्रेम के मायने’ दिनांक 12 मार्च 2016 को गांधी शांति प्रतिष्ठान में पांच साहित्यिक संगठनों – प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, दलित लेखक संघ और साहित्य संवाद — ने मिलकर ‘’देश प्रेम के मायने’’ विषय … Continue reading
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(महान फ़िल्मकार चार्ली चैपलिन की कालजयी फिल्म ‘द ग्रेट डिक्टेटर’, जो हिटलर के ऊपर बनाई गई थी, के अंतिम अंश में हिटलर भाषण देता है. पर भाषण देने वाला यह यहूदी व्यक्ति (चार्ली चैपलिन), असली हिटलर (चार्ली चैपलिन) के … Continue reading
नयी दिल्ली : 21 फरवरी : जनवादी लेखक संघ परिवार अपने कार्यकारी अध्यक्ष और उर्दू के बड़े अदीब श्री ज़ुबैर रज़वी की आकस्मिक मौत की ख़बर से स्तब्ध और शोक-संतप्त है. ज़ुबैर साहब कल दिनांक 20-02-2016 को दिल्ली की उर्दू … Continue reading
नयी दिल्ली : 17 फरवरी : जाधवपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की देश विरोधी नारेबाजी की हम जनवादी लेखक संघ की ओर से निंदा करते हैं। उनके प्रदर्शन का वामपंथी छात्रसंगठनों से कुछ भी लेनादेना नहीं है। अफजल गुरु और गिलानी का नाम … Continue reading
नयी दिल्ली : 25 जनवरी: गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर हम लेखक और संस्कृतिकर्मी भारतीय गणतंत्र की संकल्पना पर आये उस संकट के प्रति अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं जिसे हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी रोहित वेमुला की आत्महत्या … Continue reading
राजेश जोशी 11 निराला नगर, भदभदा रोड, भोपाल 462003 मोबाइल नं. 09424579277 प्रिय श्री के.श्रीनिवासराव जी सचिव साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली आपका पत्र क्रमांक SA.16/ 14/40204 dated 14 जनवरी 2016 प्राप्त हुआ । 17 दिसम्बर 2015 को जो … Continue reading
जनवादी लेखक संघ बाँदा की “संवाद गोष्ठी” बांदा : 18 जनवरी: जनवादी लेखक संघ बांदा के तत्वाधान मे चल रही संवाद गोष्ठियों की श्रृंखला के अन्तर्गत दिनांक 17 जनवरी 2016 को जनपद बांदा में व 18 जनवरी 2016 को … Continue reading
इलाहाबाद : 10 जनवरी : हिन्दी कथा और संपादन के नामी उस्ताद रवीन्द्र कालिया को श्रद्धांजलि देने के लिए इलाहाबाद का साहित्यिक समुदाय 10 जनवरी को इलाहाबाद वि वि के हॉलैंड हॉल में उमड़ पड़ा। इसका आयोजन जनवादी लेखक संघ, … Continue reading
‘किसान की आत्महत्या देश की आत्महत्या’ : संजीव दिल्ली : 20 दिसम्बर : जनवादी लेखक संघ दिल्ली द्वारा दिनांक 19 दिसम्बर को संजीव के उपन्यास पर फांस पर एक विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी में उपन्यास की … Continue reading
नयी दिल्ली : 10 जनवरी 016: लीवर सिरोसिस की असाध्य बीमारी से सालों संघर्ष करने के बाद रवींद्र कालिया कल इस दुनिया में नहीं रहे. वे साठोत्तरी कहानी के एक महत्वपूर्ण प्रतिनिधि थे और एक प्रखर, नवोन्मेषी साहित्यिक सम्पादक के रूप … Continue reading