राजेश जोशी का ख़त

राजेश जोशी

11 निराला नगर, भदभदा रोड, भोपाल 462003

मोबाइल नं. 09424579277

 

प्रिय श्री के.श्रीनिवासराव जी

सचिव

साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली

 

आपका पत्र क्रमांक SA.16/ 14/40204 dated 14 जनवरी 2016 प्राप्त हुआ । 17 दिसम्बर 2015 को जो रिसोल्यूशन अकादेमी की कार्यकारिणी ने पास किया है वह अपने शब्दों में तो सुन्दर है लेकिन अकादेमी के पदाधिकारियों द्वारा जो वक्तव्य दिये गये और जो रिसोल्यूशन उससे पूर्व पास किया गया उससे मेरी तथा जनवादी लेखक संघ की अनेक असहतियाँ हैं । लेखक संघ इस बारे में अपना मत स्पष्ट कर चुका है । मैं जनवादी लेखक संघ के राष्ट्रीय सचिव मंडल का सदस्य हूँ । और मेरा भी मत वही है जो संगठन का है ।

मुझे लगता है कि अकादेमी के व्यवहार ने साहित्य अकादेमी की स्वायत्तता ( आटोनामी ) को आहत किया है । कार्यकारिणी में किसी रिसोल्यूशन को पास करने के बजाय अकादेमी को पुरस्कार लौटाने वाले लेखकों की मीटिंग बुलाकर उनसे बात करनी चाहिये थी । अकादेमी के कार्यकलाप के बारे में कोई सुझाव देने का मुझे हक नहीं है और ना ही मेरी ऐसी कोई इच्छा ही है। लेकिन विगत दिनों में स्थितियाँ बद से बदतर हुई हैं । लेखकों की हत्या के बाद , हत्या करने वालों की विचारधारा से ही सम्बद्ध लोगों द्वारा एक प्रतिभाशाली दलित छात्र श्री रोहित को आत्महत्या के लिये बाध्य करके यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत सरकार और उसके सत्ताधारी दल से जुड़े नेता और कार्यकर्ता इस देश में सहिष्णुता के माहौल को बिगाड़ने के प्रति कटिबद्ध हैं। इन स्थितियों में वापस किये गये साहित्य अकादेमी पुरस्कार को वापस लेना संभव नहीं है ।

अकादेमी के पास अगर कोई प्रावधान नहीं है तो वह ऐसे प्रावधान के बारे में विचार करे या जैसा निर्णय लेना चाहे ले, इसके लिये वह स्वतन्त्र है । लेकिन मैं भी एक लेखक के रूप में इस बात के लिये स्वतन्त्र हूँ कि मैं वापस कर दिये गए पुरस्कार को वापस न लूँ ।

मैं अपना अकादेमी पुरस्कार 2002 ( (हिन्दी ) वापस नहीं लूँगा ।

 

आपका

राजेश जोशी


Comments

राजेश जोशी का ख़त — 2 Comments

  1. aapne yah ek achha kary kiya hai,jo puraskar lauta diye gaye,unhe wapas kya lena,academy ke log soche unhe kya karna hai,asahishunta kaise rukegi,hum is hetu jo karte banega karenge

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